सन्देश राष्ट्र के नाम
भारतीय इतिहास में युवाओ का बहुत बड़ा योगदान रहा है, हर लड़ाई में युवाओ ने अपना प्रभाव छोड़ा है, चाहे वो क्रांति के लिए संघर्स
हो या तकनीको में,
व्यवसाय में सफलता इत्यादि।
अपने ही भारत में स्वामी विवेकानंद जैसे प्रभावशील युवा ने जन्म लिया, तो इससे देवभूमि पर
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्र शेखर आजाद,
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे कई महान क्रांतिकारियों
ने जन्म लिया तथा हँसते- हँसते अपने प्राण
निछावर कर दिए अपने मातृभूमि के लिए|
आज भी अपने भारत को इनके जैसे महान क्रांतिकारियों
की जरुरत तथा स्वामी विवेकानंद के जैसे प्रभावशील लोगो की भी जरुरत है जो समाज को सही
राह प्रदान कर सके क्यों की आज के युवा वर्ग का अधिक भाग अपने रहो से भटकते जा रहे
है, उन्हें
राह दिखने की जरुरत है, उन्हें क्रांति/आज़ादी
की सही परिभाषा ज्ञात करवाने की जरुरत है, उन्हें क्रांति की रहो में साथ चलने
की प्रेरणा देने की जरुरत है, उन्हें अपनी संस्कृति की सही समझ देने की जरुरत है क्यों की
आज कल हर किसी का लक्ष्य होता है की एक अच्छी नोकरी या अपना एक अच्छा व्यवसाय ,
एक अच्छा सा घर, बैंक बैलेंस इत्यादी परन्तु कोई भी
समज बारे में नहीं सोचना चाहता, हर किसी को सिर्फ अपनी पड़ी रहती है अगर ऐसा ही भारत के महान क्रांतिकारियों
ने सोचा होता तो क्या हम आज़ादी का स्वाद चख सकते थे? |
भारत आज हर चीजों में पीछे रह जाता है क्यों की हम भारतीयों में एकता नहीं है,
हम एक दुसरे पर भरोसा
नहीं करते, हम किसी के भी बहकावे में आ जाते है, हमें कुछ असामाजिक
लोग आपस में लड़ा देते है और हम नासमझो के तरह आपस में लड़ते है, और वे इस का फ़ायदा उठाते
है!
हमारे पास हर संसाधन है या नहीं है तो लाया जा सकता है, परन्तु हम में उन संसाधनों को उपयोग में लाने का उत्साह नहीं है हम में जिस
कारन छोटे छोटे देश से भी हम पीछे रह जाते है
आज हम भारतीयों के पास हर कला का ज्ञान है, और अगर ज्ञान का सही उपयोग हो तो हम किसी भी क्षेत्र में पीछे
नहीं रहेंगे, परन्तु वो कला का उपयोग अपने देश म नहीं कर के हम दुसरे देश में करते है,
अपना सेवा दुसरे देश
को दे कर हम उनके तरकी, विकाश में सहियोग करते है और अपना देश पीछे ही रह जाता है,
इस का कारण कही ना कही हमारी प्रशासन, व्यवस्था है क्योंकी उन कामो का उतना
महत्त्व नहीं दिया जाता अपने देश में और वे निराश हो कर या तो गलत रहो पर चल परते है
या फिर दुसरे देशो को अपनी सेवा देने लगते है, इस का सीधा सा प्रमाण आप इससे लगा सकते है की नासा के वैज्ञानिकों
में ३६% भारतीय हैं, तथा USA में ३८% डॉक्टर भारतीय है
हमारे प्रशासन को चाहिए की वो युवाओ के प्रतिभा को परोसाहन दे उन्हें अपनी हुनर
दिखने का मौका देता रहे, उनके रोजगार की व्यवस्था
करे, तथा हम युवाओ को भी ये बात का ध्यान
रखे की राष्ट्र से बड़ा कुछ नहीं होता इसलिए हर कार्य में राष्ट्र का हित जरुर रहे!
जय हिन्द, जय माँ भारती
जो बीत गया सो बीत गया, जो बाकी है उससे बेहतर बना
ले प्रण अब कुछ करने की, सोने की चिड़िया को सोने का शेर बनाने की!
संस्थापक अध्यक्ष